Dil Ki Dahleez Par Rakh Kar Teri Yaadon Ke ChiraagHumne Duniyan Ko Mohabbat Ke Ujaale Bakhshey
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी,
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी!!
अपने दिल की जमाने को बता देते हैं, हर एक राज से परदे को उठा देते हैं, आप हमें चाहें न चाहें गिला नहीं इसका, जिसे चाह लें हम उसपे जान लुटा देते हैं।
काश यह जालिम जुदाई न होती!
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती! न
हम उनसे मिलते न प्यार होता!
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती!