उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
Yaado k jungle me tab tak firta hu
Jab tak pair lahu luhan nahi ho jate..
वफा क्या होती है?
काश तुम जान जाती ...
ना हम, ना तुम अकेली होती ।
वो कहता है… कि मजबूरियां हैं बहुत…
साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता।