होठो पे उल्फत के फ़साने नही आते
जो बीत गये फिर वो जमाने नही आते
दोस्त ही होते है दोस्तों के हमदर्द
कोई फरिस्ते यहा साथ निभाने नही आते
नहीं बन जाता कोई अपनायूँ ही दिल लगाने से,करनी पड़ती है दुआ,सच्ता दोस्त पाने के लिए रब से,रखना संभालकर ये याराना अपना,टूट ना जाए ये किसी के बहकाने से
ज़िंदगी नहीं हमे दोस्तों से प्यारी,दोस्तों पे हाज़िर है जान हमारी,आँखों में हमारी आसू है तो क्या,जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी
बातें करके रुला ना दीजियेगा,
यूं चुप रहके सज़ा ना दीजियेगा,
ना दे सके खुशी तो ग़म ही सही,
पर दोस्त बना के यूं भुला ना दीजियेगा।