ज़िंदगी नहीं हमे दोस्तों से प्यारी,दोस्तों पे हाज़िर है जान हमारी,आँखों में हमारी आसू है तो क्या,जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी
दिल टूटना सजा है महोब्बत की,दिल जोडना अदा है दोस्ती की,माँगे जो कुर्बानी वो है महोब्बत,जो बिन माँगे हो जाऐ कुर्बान……वो है दोस्ती हमारी…..
गुनाह करके सज़ा से डरते हैं, जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं, हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |
“कोई ऐसा दोस्त बनाया जावेजिसके आंसू को पलकों में छुपाया जायेरहे उसका मेरा रिश्ता कुछ ऐसाकि अगर वो उदास हो तो हमसे भी ना मुस्कुराया जावें ”