नहीं बन जाता कोई अपनायूँ ही दिल लगाने से,करनी पड़ती है दुआ,सच्ता दोस्त पाने के लिए रब से,रखना संभालकर ये याराना अपना,टूट ना जाए ये किसी के बहकाने से
हर रिश्ते में मिलावट देखी, कच्चे रंगों की सजावट देखी,लेकिन सालों साल देखा है माँ को,उसके चेहरे पे न थकावट देखी, न ममता में मिलावट देखी...
Har Khushee Dil Ke Karib Nahi Hoti,
Jindagi Gamo Ki Kitab Nahi Hoti,
Aye Dost Dosti Ko Sanjokar Rakhna, Kyuki ...
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Dosti Har Kisi Ko Nasib Nahi Hoti...
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!