भंसाली इतिहास के साथ छेड़खानी करता है,और यह साउथ वाले फिजिक्स के साथ..
ये वक्त की नजाकत हैबदलते दौर की मजबूरी है।लड़के को पराठेऔरलड़की को कराटेसिखाना बहुत जरूरी है।आत्म -निर्भर बनो.
ना मुस्कुराने को जी चाहता हैं,
ना कुछ खाने-पीने को जी चाहता हैं,
अब ठंड बर्दास्त नही होती,
सब कुछ छोडकर रजाई में घुस जाने को जी चाहता हैं
ऑपरेशन टेबल पर लेटा हुआ मरीज़ :डॉक्टर साहब, हॉस्पिटल में कब तक रुकना पड़ेगा ?डॉक्टर : ऑपरेशन ठीक हुआ तो एक सप्ताह…नहीं तो आधा घण्टा !!
टीचर :- 'एक पन्त, दुई काज'
मुहावरे को वाक्य में प्रयोग करो..?
विद्यार्थी:-मुन्शी दास मूतन गए..।
मूतन लग गई पाद..।।
पादत-पादत.. हग दियो..।
एक पन्त, दुई काज..।।.
😄😄😄😄😄😄😄