वक्त के साथ सब बदल जाता है,
पुराने जमाने में जिसे ठेंगा कहते थे,
उसे आज लाईक कहते हैं!
Ek sukoon ki talash me jane kitni bechanni pal liAur log kehte hai hum bade ho gye humne zindgi sambhal li
सफलता का कोई पैमाना नहीं होता –
एक गरीब बाप का बेटा बड़ा होकर ऑफिसर बने पिता के लिए यही सफलता है।
जिस इंसान के पास कुछ खाने को ना हो वो सुख पूर्वक 2 वक्त की रोटियां जुटा ले ये भी सफलता है
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं
आकाश से ऊँचा कौन – पिता
धरती से बड़ा कौन – माता