रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती हैरात ख़ामोश है रोती नहीं हँसती भी नहींकांच का नीला सा गुम्बद है, उड़ा जाता हैख़ाली-ख़ाली कोई बजरा सा बहा जाता है चाँद की किरणों में वो रोज़ सा रेशम भी नहीं चाँद की चिकनी डली है कि घुली जाती हैऔर सन्नाटों की इक धूल सी उड़ी जाती है काश इक बार कभी नींद से उठकर तुम भी हिज्र की रातों में ये देखो तो क्या होता है
ज़िन्दगी एक पल है, जिसमें न आज है न कल है,
जी लो इसको इस तरह, की जो भी आपसे मिले वो यही कहे,
बस यही मेरी ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।
जिंदगी की परीक्षा
कितनी वफादार है,
🌱🌷🌱🌷
उसका पेपर कभी
लीक नहीं होता....!!✍✍✍
क्या खूब लिखा हैं किसी ने संगत का जरा ध्यान रखना साहब🌱🌷🌱🌷
संगत आपकी ख़राब होगी और बदनाम माँ बाप और संस्कार होंगे . ... ......
|| सुप्रभात ||
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Mujhko Phir Wahi Suhana Najara Mil Gaya,
Inn Aankhon Ko Deedar Tumhara Mil Gaya,
Ab Kisi Aur Ki Tamanna Kyun Main Karu,
Jab Mujhe Tumhari Baahon Ka Sahara Mil Gaya.
तेरी हर अदा मोहब्बत सी लगती हैं
एक पल की भी जुदाई मुद्दत सी लगती हैं
पहले नहीं सोचा था अब सोचने लगे हैं
जिंदगी में हर पल तेरी जर्रूरत सी लगती है