रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती हैरात ख़ामोश है रोती नहीं हँसती भी नहींकांच का नीला सा गुम्बद है, उड़ा जाता हैख़ाली-ख़ाली कोई बजरा सा बहा जाता है चाँद की किरणों में वो रोज़ सा रेशम भी नहीं चाँद की चिकनी डली है कि घुली जाती हैऔर सन्नाटों की इक धूल सी उड़ी जाती है काश इक बार कभी नींद से उठकर तुम भी हिज्र की रातों में ये देखो तो क्या होता है
सुबह-सुबह सूरज का साथ हो,
गुनगुनाते परिंदों की आवाज़ हो,
हाथ में चाय का कप, और यादों में कोई ख़ास,
उस खूबसूरत सुबह की पहली याद आप हो।
वीणा लेकर हाथ मे,
सरस्वती हो आपके साथ मे,
मिले माँ का आशीर्वाद हर दिन,
मुबारक़ हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन।
सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी की शुभ कामनायें!
अकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चांडाल का
काल भी उसका क्या करे जो भक्त हो महाकाल का
जय महाकाल
हैप्पी शिवरात्रि मित्रों
अगर तू Attitude दिखाएगा ना
तो मैं भी भाव नहीं दूँगी,
और अगर चान्स मारेगा ना तो
मैं ध्यान नहीं दूँगी!!