वफ़ा की ज़ंज़ीर से डर लगता है,कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता है.जो मुझे तुझसे जुदा करती है,हाथ की उस लकीर से डर लगता है!
एक पति द्वारा की गई अब तक की सबसे रोमांटिक तारीफ ...... तेरी जुल्फों ने हर तरफ हंगामा मचा रखा है, कभी दाल में, कभी सब्जी मे, कभी रोटी में कब्ज़ा जमा रखा है।
Khushi hoti hai bahot
Use khush dekh kar
Mere sath na sahi
Kisi aur ke sath dekh kar.
Kitna pyar karte hai hum unse,
Kaash unko bhi yeh ehsaas ho jaye,
Magar aisa na ho ke woh hosh mein tab aaye,
Jab hum gehri neend mein so jaye…
कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हूँ
सवाल करता है कोई तो टाल देता हूँ
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु …