मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं,आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं,आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं,जहाँ किसी ने कहा था कि ठहरो हम अभी आते है।
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है
पतझड बसंत में बदल ही जाता हे
मेरे मन मुसीबत में हिम्मत मत हारना
समय कैसा भी गुजर ही जाता है
बसंत पंचमी की बधाई
अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
पत्नी :- डार्लिंग सुनते हो मेरी उम्र 48
होते हुए भी आपका एक दोस्त मेरे
"हुस्न की तारीफ" करता है..
पति :- उस्मान भाई होगा..
पत्नी :- आपने कैसे पहचाना...?
पति :- वो साला कबाड़ का व्यापारी हैं..!
😂😂😂😂😂
Dafan Karna Mujhe Apni Ankhon Me….
Ye Meri Aakhri Wasiyat Hai..!!