ना चाहा था कभी कुछ, तुम्हें चाहने से पहले ,तुम मिल जो गए, खवाइशें पूरी हो गई|
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं
मालिक: अभी तक तुझ से मच्छर नहीं मरे ?
मेरे कानों में गुनगुना रहे हैं |
नौकर: साहब, मैंने मच्छर मार दिए हैं,
ये तो उनकी बीवियां हैं जो विधवा हो कर रो रहीं हैं |
ज़िन्दगी हो जाये सुहानी, नए साल मेंबात हो दिल की ज़ुबानी, नए साल में
हर दिन हसीं और रातें रोशन होखुशियों की हो रवानी, नए साल में