ख़्वाहिश ए ज़िंदगी
बस इतनी सी है के साथ तुम्हारा हो ओर ज़िंदगी कभी ख़त्म ना हो।
तुझे चाहता रहा मै इस कदर,
के दुनिया व् भुला बैठा,
तेरी एक हसी के बदले,
अपनी ज़िन्दगी भुला बैठा
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए
आपको खुशियों का संसार नज़र आएगा
पाप एक प्रकार का अँधेरा है,
जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है
जो बांधने से बंधे… और तोड़ने से टूट जाये…
उसका नाम है “बंधन”
जो अपने आप बन जाये… और जीवन भर ना टूटे…
उसका नाम है “संबंध”