लबों से छू लूँ जिस्म तेरा, साँसों में साँस जगा जाऊँ, तू कहे अगर इक बार मुझे, मैं खुद ही तुझमें समा जाऊँ।
खुद नहीं जानते कितनी प्यारे हो आप,
जान हो हमारी पर जान से प्यारे हो आप,
दूरियों के होने से कोई फर्क नही पड़ता,
कल भी हमारे थे और आज भी हमारे हो आप।
प्यार हो जाता है, करता कौन हैं
हम तो कर देंगे प्यार में जान भी कुरबान,
लेकिन पता तो चले कि..
हम से प्यार करता कौन हैं..!
Is qadarr tora hai mujhe uss ke bewafayi ne "ghalib"
Ab koi agar pyar se bhi dekhahai to bikhar jata hoon main.
Aa Bichadne Ka Koi Aur Tareeqa DhoodhenPyyar Badhta Hai Meri Jaaan Khafa Rahne Se