Mera Shahar To Baarishon Ka Ghar ThehraYahan Ki Aankh Ho Ya Dil, Bahot Barasti Hain
अगर कभी थक जाओ तो हमसे कहना,
हम उठा लेंगे तुमको अपनी इन बाहों में,
आप एक बार प्यार करके तो देखो हमसे,
हम सारी खुशियां बिछा देंगे आपकी राहों में.
एक फूल अजीब था,
कभी हमारे भी बहुत करीब था,
जब हम चाहने लगे उसे,
तो पता चला वो किसी दूसरे का नसीब था ।
कुछ अल्फ़ाज़ की तरतीब से बनती है शायरी
कुछ चेहरे भी मुकम्मल ग़ज़ल हुआ करते हैं
निकलो गलियों में बना कर टोली
भिगा दो आज हर एक की झोली
कोई मुस्कुरा दे तो उसे गले लगा लो
वरना निकल लो, लगा के रंग कह के हैप्पी होली