मज़ा बरसात का चाहो तो इन आँखों में ना बैठोवो बरसो में कभी बरसे, यह बरसो से बरसती है|
इस दफा तो बारिशें रूकती ही नहीं,
हमने क्या आसूं पिए की मौसम रो पड़े!
बद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँ,लेकिन मैंने बरसात में जलते हुए घर देखे है..
ऐ सावन की बारिश जरा थम के बरसजब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरसपहले ना बरस कि वो आ न सकेजब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके
Kuch Nasha To Aapki Baat Ka HaiKuch Nasha To Dheemi Barsaat Ka HaiHumein Aap Yun Hi Sharabi Na KahiyeIs Dil Par Asar To Aap Se Mulakat Ka Hai.