हँस के पी जाओ भांग का प्याला..क्या डर है जब साथ है अपने त्रिशुल वाला..बम बम भोले
मुझे नहीं पता ऊपर वाले ने
तकदीर में क्या लिखा है,
जब मुस्कुराते है मेरे पापा मुझे देख कर
समझ जाता हूँ कि मेरी तकदीर बुलंद है।
धागा एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने पर भी गाँठ पड़ ही जाती है
उसी तरह रिश्ते एक बार टूट जाये तो फिर से जोड़ने में एक गाँठ बन ही जाती है
हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।