मेरे आँखों के ख्वाब, दिल के अरमान हो तुम, तुम से ही तो मैं हूँ , मेरी पहचान हो तुम, मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम, सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम।
तू बन जा मेरी कि इस कदर चाहूंगा तुझे
कि लोग दुआ करेंगे तुझसा नसीब पाने के लिए
कदम डग मगा गये युही रास्ते से
वरना सम्भलना हम भी जानते थे,
ठोकर लगी तोभी उस पत्थर से
जिसे हम अपना खुदा मानते थे।।
मेरी बहादुरी के किस्से कितने मशहूर थे इस शहर में,
पर तुझे खो जाने के डर ने मुझे कायर बना दिया...
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख…!