ये कैसा अजब सा प्यार है जिस में ना मिलने की आस ना कोई तकरार है ..दूरियाँ इतनी की सही न जाएँ फिर भी निभाने की चाह बरक़रार है..
टूटे हुए दिल भी धड़कते है उम्र भर,चाहे किसी की याद में या फिर किसी फ़रियाद में।
माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है.
Jis Jagah Jaakar Koee Vaapas Nahin AataJaane Kyon Aaj Vahaan Jaane Ko Jee Chaahata Hai
नींद सोती रहती है हमारे बिस्तर पे,और हम टहलते रहते हैं तेरी यादों में।