ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती,मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती,कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता,मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती।
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,अगस्त का महीना सावन की फुहार,भैया की कलाई बहन का प्यार,मुबारक हो आपको रक्षा-बंधनका त्यौहार।
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा
Apna Humsafar Bana Le Mujhe, Tera Hi Saya Hu Apna Le Mujhe, Ye Raat Ka Safar Or Bhi Hasin Ho Jayega,
Tu Aa Ja Mere Sapno Me Ya Bula Le Mujhe..