ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती,मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती,कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता,मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती।
तू हमसफ़र तू हमडगर तू हमराज नजर आता है, मेरी अधूरी सी जिंदगी का ख्वाब नजर आता है, कैसी उदास है जिंदगी... बिन तेरे... हर लम्हा, मेरे हर लम्हे में तेरी मौजूदगी का अहसास नजर आता है।
ख्वाहिशों के समंदर के सब मोती तेरे नसीब हो,तेरे चाहने वाले हमसफ़र तेरे हरदम करीब हों,कुछ यूँ उतरे तेरे लिए रहमतों का मौसम,कि तेरी हर दुआ, हर ख्वाहिश कबूल हो।
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती,हमसफ़र मिलने से दोस्ती मिटाई नहीं जाती,दोस्त की कमी हर पल रहती है यार,दूरियों से दोस्ती छुपाई नहीं जाती।
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,अगस्त का महीना सावन की फुहार,भैया की कलाई बहन का प्यार,मुबारक हो आपको रक्षा-बंधनका त्यौहार।