हालात से ख़ौफ़ खा रहा हूँशीशे के महल बना रहा हूँ
उम्र ने तलाशी ली, तो जेबों से लम्हे बरामद हुए..कुछ ग़म के, कुछ नम थे, कुछ टूटे, कुछ सही सलामत थे..
चाहत तुम्हारी - रविवार की तरहहकीकत जिंदगी - सोमवार की तरह...!!
सुनो...जब कभी देख लुं तुम को....तो मुझे महसूस होता है कि...दुनिया खूबसूरत है|