एक जैसे दोस्त सारे नही होते,कुछ हमारे होकर भी हमारे नहीं होते,आपसे दोस्ती करने के बाद महसूस हुआ,कौन कहता है ‘तारे ज़मीं पर’नहीं होते.
रात गुमसुम हैं मगर चाँद खामोश नहीं,कैसे कह दूँ फिर आज मुझे होश नहीं,ऐसे डूबा तेरी आँखों के गहराई में आज,हाथ में जाम हैं,मगर पिने का होश नहीं.
ये सुंदर सी रात है भरपूर तारो की बारात है
हवा बहुत ही गुन गुन है मौसम भी खुब बुल बुल है
इस लवली लवली नाईट मे.
शुभ रात्रि!
जब खामोश आँखो से बात होती है,ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,तुम्हारे ही ख़यालो में खोए रहते हैं,पता नही कब दिन और कब रात होती है...
हम अपनों से खफ़ा हो नहीं सकते,प्यार के रिश्ते बेवफा हो नहीं सकते,तुम हमें भुला कर भले ही सो जाओ,हम तुम्हे याद किये बिना सो नहीं सकते.