Fasle bohat hai par itna maan lijiye, Qareeb reh ker bhi her koi khas nahi hota,Aap khayalon mein bhi itna qareeb hai,Ke faaslon ka ehsas hi nahi hota.
बहुत दूर है तुम्हारे घर से हमारे घर का किनारा,पर हम हवा के हर झोंके से पूछ लेते हैं क्या हाल है तुम्हारा।
तुम्हें गुमां है कि मैं जानता नहीं कुछ भी,मुझे ख़बर है कि रस्ता बदल रहे हो तुम।
Kadmo Ki Duri Se Dilo Ke Fasle Nahi Badhte,Dur Hone Se Ehsas Nahi Marte,Kuch Kadmo Ka Fasla Hi Sahi Hamare Beech,Lekin Aisa Koi Pal Nzhi Jab Hum Apko Yaad Nahi Krte..
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं