आकाल मृत्यु वो मरे जो काम करे चंडाल का,काल भी उसका क्या बिगाड़े जो भक्त हो महाकाल का..
सहस शील हृदय में भर देजीवन त्याग से भर दे,संयम सत्य स्नेह का वर देमाँ सरस्वती आपके जीवन में उल्लास भर दे!
ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें, वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता ..
कोई मिला नहीं तुम जैसा आज तक,पर ये सितम अलग है की मिले तुम भी नही
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में……रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में !!