इसी कशमकश में गुजर जाता है दिन
कि तुमसे बात करूं
या तुम्हारी बात करूं
तूने रुख से नक़ाब क्या उठाया,
कम्बखत दिल मुँह को होने लगा,
शर्मा कर , सितारे हैं छुपने लगे,
महताब बादलों से जो निकलने लगा
Winter का जमाना है,
SMS करके आपको सताना है,
मौसम भी दिवाना है,
2-4 SMS आपभी कर दो,
क्या…
बेलेन्स बचा कर,
नया “स्वेटर” लाना है ??
Happy Winter…
इश्क की शुरुआत निगाहों से होती है
सजा की शुरुआत गुनाहों से होती है
कहते हैं इश्क भी एक गुनाह है
जिसकी शुरुआत दो बेगुनाहों से होती है
तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो…
दोस्त
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!