न मेरा एक होगा , न तेरा लाख होगा,
तारिफ तेरी ,न मेरा मजाक होगा,
गुरुर न कर शाह-ए-शरीर का,
मेरा भी खाक होगा , तेरा भी खाक होगा
आँखों में मंज़िलें थी
गिरे और सँभालते रहे..
आँधियों में क्या दम था
चिराग हवा में भी जलते रहे…
दैनिक भास्कर बहुत अच्छा अखबार है कचोरी का पूरा तेल सोख लेता है|
हम तो मुफ्त की सलाह दे कर बर्बाद हो गए;
अब तो आलम ऐसा है की मांगने पर भी खेरात नहीं देते…..
टीचर (स्टूडेंट से) : सेमेस्टर सिस्टम से क्या फायदा है, बताओ?स्टूडेंट : फायदा तो पता नहीं, पर बेइज्जती साल में दो बार हो जाती है|