क्या बेचकर हम खरीदे
फुर्सत ऐ जिंदगी,
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है
जिम्मेदारी के बाजार में..!!
बात वफ़ाओ की होती, तो कभी न हारते,
बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके।
संकट के समय धैर्य धारण करना
मानो आधी लड़ाई जीत लेना है
हाथ में घडी कोई भी हो, लेकिन वक़्त अपना होना चाहिए
दुनिया में सब चीज मिल जाती है,….
केवल अपनी गलती नहीं मिलती…..