अरमान ही बरसो तक जला करते है हमेशा ,
इंसान तो इक पल मे खाक हो जाता है !!
कोई पुछ रहा हे मुजसे मेरी जीन्दगी की कीमंत....मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना......
तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
शायरी सर्दी की ठिठुरती रात में फुटपाथ पर अरमान है
दिलबर मुझे छोड़के किसी और पे मेहरबान है.....
आ बिछड़ने का कोई और तरीका ढूंढें
प्यार बढ़ता है मेरी जां खफा रहने से