किसी भी मुशकिल का अब किसी को हल नही मिलता ,
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नही निकलता
ये मुहब्बत कब, किससे हो जाये इसका अंदाजा नहीं होता
ये वो घर है जिसका कोई दरवाजा नहीं होता
चारो तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ,
मीठी पूरनपोली और गुजियां ही गुजियां
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात
आसमान में हर तरफ पतंगों की बरात
सभी का शुभ हो नव वर्ष हर बार
प्यार के समंदर में सब डूबना चाहते हैं,प्यार में कुछ खोते हैं तो कुछ पते हैं,प्यार तो एक गुलाब है जिसे सब तोडना चाहते हैहम तो इस गुलाब को चूमना चाहते हैं.
आँखों में ख़ुशी, लबों पर हंसी,
गम का कहीं नाम ना हो।
हर सुबह लाये, आपके लिए इतनी खुशियाँ,
जिसकी कभी शाम न हो।