तेरे पास में बैठना भी इबादत
तुझे दूर से देखना भी इबादत …….
न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा
तुझे हर घड़ी सोचना भी इबादत….
खुशबू बनकर तेरी सांसो में समा जाएँगे,
सुकून बनकर तेरे दिल में उतर जाएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर रहते हुए भी पास नज़र आएँगे!!
हालात ही ऐसे है कि आँसू छलक आते है,दे कर के लाखो गम, सभी दिल को दुखाते है,मैं आज तलक ना समझ पाया हु मेरे खुदा,मेरे किये अहसानों को सब क्यों भूल जाते है|
काश उन्हें चाहने का अरमान नही होता,में होश में होकर भी अंजान नही होता,ये प्यार ना होता, किसी पत्थर दिल से,या फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता!
अगर तुमसे कोई पूछे बताओ ज़िन्दगी क्या है,हथेली पर जरा सी राख़ रखना और उड़ा देना।