“तुम आए ज़िंदगी मे कहानी बन कर,
तुम आए ज़िंदगी मे रात की चाँदनी बन कर,
बसा लेते है जिन्हे हम आँखो मे,
वो अक्सर निकल जाते है आँखो से पानी बन कर”
शिकवा भी होगा हमसे शिकायत भी होगी,
पर दोस्त से गिला किया नहीं करते।
हम अच्छे नहीं बुरे ही सही,
तुम्हें वैलेंटाइन मुबारक हो,
लेकिन हम जैसा दोस्त मिला नहीं करते।।
एडमिन ने ढाबा खोला..ग्राहक – मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है |एडमिन –तो क्या करू?मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ |
कुछ रिश्तो में इन्सान अच्छा लगता है.और कुछ इन्सानों से रिश्ता अच्छा लगता है..!!
उनसे बात करके जिस कदर दिल को चैन आता है,
इतना असर तो की दवा भी नही दिखा पाता है