दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया,
जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया,
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे,
मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया.
ये वर्ष आपके लिए खुशियों का नगर हो,
क्या बखूबी हो हर एक खुशी आपकी अगर हो.
हर रात फुर्सत के नए गीत सुनाए,
लम्हों के लबों पे भी शबनम का असर हो.
परिश्रम वह चाबी है
जो सौभाग्य के द्वार खोलती है
तुझे ना पा सके तो भी सारी जिंदगी तुझे प्यार करेंगे
ये जरूरी तो नहीं जो मिल ना सके उसे छोड़ दिया जाये
सोचा था तुझपे प्यार लुटाकर तेरे दिल में घर बनायेंगे…..हमे क्या पता था दिल देकर भी हम बेघर रह जाएँगे.…..