फिर वही फ़साना अफ़साना सुनाती हो
दिल के पास हूँ कह कर दिल जलती हो
बेक़रार है आतिश इ नज़र से मिलने को
तो फिर क्यों नहीं प्यार जताती हो…!!
दो मुलाकात क्या हुई हमारी तुम्हारी,निगरानी में सारा शहर लग गया।
श्री कृष्णा की 16000 रानियाँ थी,
फिर भी वो अपने दोस्त
सुदामा को नहीं भूले थे...
और आजकल तो लड़के
एक लड़की क्या पटा ली
साले फ़ोन तक नहीं उठाते..!
😄😄😄😄😄😄😄😄😄
न जाने क्या मासूमियत है तेरे चेहरे पर …..
तेरे सामने आने से ज़्यादा तुझे छुपकर
देखना अच्छा लगता है …!!!
एक आस, एक एहसास, मेरी सोच और बस तुम,एक सवाल, एक मजाल, तुम्हारा ख़याल और बस तुम,एक बात, एक शाम, तुम्हारा साथ और बस तुम,एक दुआ, एक फ़रियाद, तुम्हारी याद और बस तुम,मेरा जूनून, मेरा सुकून बस तुम और बस तुम