तुझको खुदा ने रुक-रुक बनाया,
पूरी ज़माने की खुदाई तुझ में ही भर दी,
हर अंग तेरा जैसे ,
रह-रह तू बरसे सावन महीना…
बन्ता : क्या कर रहे हो ???सन्ता : बदला ले रहा हूँ..??बन्ता : किससेसन्ता : वक़्त ने मुझे बर्बाद किया है . . .मैं अब वक़्त बर्बाद कर रहा हूँ..
पत्नी-You never gifted me diamont, pearls,goldपति मुट्ठी भर मिट्टी देता हपत्नी-ये क्यापति-मेरे देश की धरती सोना उगले,उगले हीरे मोतीपति बेघर ह
Khuda Kare Tujhe Khushiyan Hazar MileMujhse Bhi Achchha Yaar Mile,Meri Girlfriend Tujhe Bandhe Rakhi,Tujhe Ek Aur Behan Ka Pyaar Mile...
गुज़र गया वो वक़्त जब तेरे तलबगार थे हम.
अब खुद भी बन जाओ तो सजदा न करेंगे..!
कितने आंसू बहूँगा उस बेवफा के लिए
जिसको खुदा ने मेरे नसीब मैं लिखा ही नहीं….