मेरी खमोशियो के राज़ ख़ुद मुझे ही नहीं मालूम…
जाने क्यू लोग मुझे मगरूर समझते है…
टीचर - स्टुडेंट से :- काहें बे कल
स्कुल काहें नही आये रहे ..
स्टुडेंट :- काहें कल जो आए रहे
उनको कलेट्टर बना दिये हो का ?.......
Dekho fir raat aa gai,
Good Night kahne ki bat yaad aa gai,
Hum baithe the sitaro ki panah mein,
Chand ko dekha to aap ki yaad aa gai.
“इन हसीनो से तो कफ़न अच्छा है,
जो मरते दम तक साथ जाता है,
ये तो जिंदा लोगो से मुह मोड़ लेती हैं,
कफ़न तो मुर्दों से भी लिपट जाता है.”
खुद नहीं जानते कितनी प्यारे हो आप,
जान हो हमारी पर जान से प्यारे हो आप,
दूरियों के होने से कोई फर्क नही पड़ता,
कल भी हमारे थे और आज भी हमारे हो आप।