आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन…
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे…
जज: तुमने इसके पैसे क्यूँ चुराए?
चोर: मैने पैसे नहीं चुराए
इसने खुद ही दिए थे
जज: इसने पैसे कब दिए?
चोर: जब मैने इसे बंदूक दिखाई!
अपने इन् हाथों की लकीरों
को क्या देखता हो?
किस्मत तो उनकी भी होती है
जिनके हाथ नहीं होते…
Karni Hai Khuda Se Ek Guzarish
Teri Dosti Ke Siva Koi Bandgi Na Mile.
Har Zanam Mein Mile Dost Tere Jaisa
Ya Phir Kabhi Zindgi Na Mile.
Yeh Tere Ishq Ka Kitna Haseen Ehsaas Hai,
Lagta Hai Jaise Tu Har Pal Mere Paas Hai,
Mohabbat Teri Deewangi Ban Chuki Hai Meri,
Ab Zindgi Ki Aarzoo Sirf Tumhara Sath Hai.