आ गया है फर्क तुम्हारी नजरों में यकीनन…
अब एक खास अंदाज़ से नजर अंदाज़ करते हो हमे…
मैंने भी किसी से प्यार किया था
उनकी रहो में इंतजार किया था
हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें
कसूर उनका नहीं मेरा ही था
जो एक बेवफा से प्यार किया था !!
तू मेरे दिल पे हाथ रख के तो देख,
मैं तेरे हाथ पे दिल ना रख दूँ तो कहना..!!
जिस प्रभात से, परमात्मा का स्मरण हो जाये,
वह प्रभात, सुप्रभात हो जाता है।
तुम्हे हक है अपनी जिन्दगी जैसे चाहे जीयो तुम,
ज़रा एक पल के लिये सोचना मेरी ज़िन्दगी हो तुम….॥