बचपन में सब बहुत सही था यार..
ना फैशन का टेंशन,और ना ही
पढाई का,
पूरा दिन बस नंगा घूमो खाना खाओ
और रोते रहो....!!
मारवाडी को फांसी की सजा सुनाई गयी ..जज ने पूछा- कोई आखिरी ख्वाहिश?मारवाडी – म्हारी जगह थे लटक जाओ!!
अपने रिश्तों और पैसों की कद्र एक समान करें,
दोनों को कमाना मुश्किल है, लेकिन गवाना बहुत आसान।
स्वयं को ऐसा बनाओ, जहाँ तुम हो, वहां तुम्हें सब प्यार करे,
जहाँ से तुम चले जाओ, वहां सब तुमें याद करें,
जहाँम पहुँचने वाले हो, वहां सब तुम्हारा इंतज़ार करें।
जीवन में किसी को रूलाकरहवन भी करवाओगे तो कोई फायदा नहींऔरअगर रोज किसी एक आदमी को भी हंसा दियातो आपको अगरबत्ती भी जलाने की जरूरत नहीं!