ठंड क्या है......
क्या है ठंड ?
हमारे आत्मबल से ठंड का बल ज्यादा है....... ये सोचना है ठंड !
ठंड से भयभीत होकर...... बिस्तर में सोते रहना है ठंड !
जिस नीच ने मेरे शरीर को सुस्त किया........
उससे डरकर, हाथ पैर धोकर, बिना नहाये, बाथरूम से पीठ दिखाकर भागना है ठंड!
उस ठंड को मारने जा रहा हूँ मैं !.....
उसकी छाती चीरकर...... साबुन से नहाने जा रहा हूँ मैं....
जय~ माहिष्मती~ !!! 😡😜
खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,
सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते.
काश उसे चाहने का अरमान न होता,
मैं होश में रहते हुए अनजान न होता
न प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको,
या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता.
कितना दर्द हैं दिल में दिखाया नही जाता,
गंभीर हैं किस्सा सुनाया नही जाता,
विडियो कॉल मत कर पगली,
रजाई में से मुहँ निकाला नही जाता...
हम इस तरह होली के रंग फैलाएंगे
कि सबके संग हम भी रंगों में घुल जाएंगे
इस बार होली का रंग और भी गहरा होगा
क्योंकि दोस्तों के साथ दुश्मन का भी रंग होगा
हैप्पी होली
इश्क की शुरुआत निगाहों से होती है
सजा की शुरुआत गुनाहों से होती है
कहते हैं इश्क भी एक गुनाह है
जिसकी शुरुआत दो बेगुनाहों से होती है