ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें, वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता ..
जिदंगी typing... और emoji के बीच ही उलझ कर रह गयी यार..
बहोत अंदर तक जला देती है,वो शिकायतें जो बयाँ नही होती..
तुम मुझे कभी दिल, कभी आँखों से पुकारो ग़ालिब,
ये होठो का तकलुफ्फ़ तो ज़माने के लिए है|