Karni Hai Khuda Se Ek Guzarish
Teri Dosti Ke Siva Koi Bandgi Na Mile.
Har Zanam Mein Mile Dost Tere Jaisa
Ya Phir Kabhi Zindgi Na Mile.
Ab Kon Se Mausam Se Koi Aas LagayeBarsaat Mein Bhi Yaad Na Jab Un Ko Hum Aye..
अमर वही इंसान होते हैं
जो दुनियां को कुछ देकर जाते हैं
आंसुओं की किम्मत क्या हैहम बखुबी समझते है ।वो कोई और होंगे ए सनमजो ओस को शबनम समझते है ॥
एक जमाना था जब प्यार में
लोग "अमर" होते थे,
फिर समय आया लोग प्यार
में "अँधे" हो जाते थे,
अब तो समय वो है जब प्यार
में लोग "तोतले" हो जाते हैं।
[ अले मेला बाबू, गुच्छा हो गया ]
😂😂😂😜😜😜