Vo samjhta hai ki har shakhs badal jata hai…..
Ussey lagta hai zamana us ke jaisa hai….
मालिक: अभी तक तुझ से मच्छर नहीं मरे ?
मेरे कानों में गुनगुना रहे हैं |
नौकर: साहब, मैंने मच्छर मार दिए हैं,
ये तो उनकी बीवियां हैं जो विधवा हो कर रो रहीं हैं |
लिपट जाओ एक बार फिर गले हमारे,
कोई दीवार न रहे बीच हमारे तुम्हारे,
लिपट जाती जरूर अगर ज़माने का दर न होता,
बसा लेती मैं तुमको अगर सीने में कोई घर होता..
दिल की धडकने रुक सी गई हैं,
साँसे मेरी धम सी गई हैं.
पुछा हमने दिल के डाक्टर से.
तो पता चला सर्दी के कारण आपकी यादें.
दिल में जम सी गई हैं
ॐ में ही आस्था
ॐ में ही विश्वास
ॐ में ही शक्ति
ॐ में ही सारा संसार
ॐ से होती है अच्छे दिन की शुरुआत !
बोलो ॐ नमः शिवाय
जय भोलेनाथ