मेरी कोशिश हमेशा ही
नाकाम रही..
पहले तुझे पाने की अब
तुझे भुलाने की...
उसको चाहा पर इजहार करना नही आया,
कट गयी उम्र हमें प्यार करने नही आया,
उसने कुछ माँगा भी तो मागी रजाई,
और हमे इंकार करना नही आया....
Aye khuda
kuch nahi maanga tujhse
Aaj ek dua poori karde
Maut maang raha hu dede..!
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
ऐ बेदर्द… सब आ जातें हैं यूँ ही मेरी ‘ख़ैरियत’ पूछने…अगर तुम भी पूछ लो तो यह ‘नौबत’ ही न आए.