Jis ke naseeb mein hon zamaney ki thokarein…!!
Us bad-naseeb sey na sahar’on ki baat ker…
आँखो से आँखे मिलाकर तो देखो,
एक बार हमारे पास आकर तो देखो,
मिलना चाहेंगे सब लोग तुमसे,
एक बार मेरे दोस्त साबुन से नहाकर तो देखो।
Ek sukoon ki talash me jane kitni bechanni pal liAur log kehte hai hum bade ho gye humne zindgi sambhal li
अब तू नहीं है दुनिया में,
हु अकेला वही खड़ा,
तू मुमताज़ तो बन गयी
मै रह गया निचे पड़ा!
गुलाब को भी कमल बना देते,
उसकी एक अदा पे कई ग़ज़ल बना देते…
कम्भख्त मरती नहीं मुझ पर लडकियां,
वरना लखनऊ में भी ताजमहल बना देते…
हम है वफ़ा के पुजारी , हरदम वफ़ा करेंगे,
एक जान रह गयी है , इससे भी तुम पर फ़िदा करेंगे.
अल्लाह करे तुमको भी हो चाह किसी की,
फिर मेरी तरह तू भी, राह देखे रहा किसी की