Zidd par ishq
agar aa jaaye
paani chhidak
ke aag lagaaye..
चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे देंइससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने धड़कते हुएअरमानों एक सुरमई शाम दे दें !
खुशबू बनकर तेरी सांसो में समा जाएँगे,
सुकून बनकर तेरे दिल में उतर जाएँगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिए,
दूर रहते हुए भी पास नज़र आएँगे!!
चंदन की लकड़ी फूलों का हार,अगस्त का महीना सावन की फुहार,भैया की कलाई बहन का प्यार,मुबारक हो आपको रक्षा-बंधनका त्यौहार।
हम आज भी शतरंज़ का खेलअकेले ही खेलते हे ,क्युकी दोस्तों के खिलाफ चालचलना हमे आता नही ..।