Dekhi hotho ki hasi zakham na dekhe dil ka,
aap bhi oron ki tarha kha gae dhokha keishe!
मनुष्य को चाहिए कि दुराचारी, कुदृष्टि वाले, बुरे स्थान में रहने वाले और दुर्जन मनुष्य के साथ मित्रता न करें,
क्योंकि इनके साथ मित्रता करने वाला मनुष्य शीघ्र ही नष्ट हो जाता है....!!!
चलो यूँ ही सही तुमने माना तो सही
मजबूर कही हम थे ये जाना तो सही
कब कहा हमने की हम बेगुनाह थे
कुछ गुनहगार तुम भी थे ये माना तो सही
क्रोध हमेशा मनुष्य को तब आता है
जब वह अपने आप को कमज़ोर और हारा हुआ पाता है
Tum Laut k anay ka takalluf mat
Karna,
Hum Ek mohabbat ko Do baar Nahi kartay…