तुमने कहा था आँख भर के देख लिया करो मुझे,
मगर अब आँख भर आती है तुम नजर नही आते हो।
उसके साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी,उससे बात करते करते हमे आदत सी हो गयी,एक पल भी न मिले तो न जाने बेचैनी सी रहती है,दोस्ती निभाते निभाते हमे मोहब्बत सी हो गयी!
बद-नसीबी का मैं कायल तो नहीं हूँ,लेकिन मैंने बरसात में जलते हुए घर देखे है..
ना जाने क्यों कोसते हैं लोग बदसूरती को…बर्बाद करने वाले तो हसीन चेहरे होते हैं….!!
दांतों को आराम देकर देखिए आपका स्वास्थ्य सुधर जाएगा
जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए आपका क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा