तुम शराफ़त को बाज़ार में क्यूँ ले आए हो…
दोस्त
ये सिक्का तो बरसों से नहीं चलता…!!
तूने रुख से नक़ाब क्या उठाया,
कम्बखत दिल मुँह को होने लगा,
शर्मा कर , सितारे हैं छुपने लगे,
महताब बादलों से जो निकलने लगा
हँसना हँसाना ये कोशिश है मेरी,
सबको खुश रखना चाहत है मेरी,
कोई याद करे या न करे,
हर किसी को याद करना आदत है मेरी।
Good Morning
लोग पूछते हैं की तुम क्यूँ अपनी मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,
हमने कहा जो लब्जों में बयां हो जाये
सिर्फ उतना हम किसी से प्यार नहीं करते…!!!
शत्रु को सदैव भ्रम में रखना चाहिए ।
जो उसका अप्रिय करना चाहते हो तो उसके साथ सदा मधुर व्यवहार करो
उसके साथ मीठा बोलो । शिकारी जब हिरण का शिकार करता है
तो मधुर गीत गाकर उसे रिझाता है, और जब वह निकट आ जाता है,
तब वह उसे पकड लेता है