एडमिन ने ढाबा खोला..
ग्राहक –
मेरी चाय मै मक्खी डूब कर मरी पड़ी है |
एडमिन –
तो क्या करू?
मै ढाबा चलाऊ या इन्हे तैरना सीखाऊँ |
बन्ता : क्या कर रहे हो ???सन्ता : बदला ले रहा हूँ..??बन्ता : किससेसन्ता : वक़्त ने मुझे बर्बाद किया है . . .मैं अब वक़्त बर्बाद कर रहा हूँ..
कोई वादा ना कर, कोई ईरादा ना कर!
ख्वाईशो मे खुद को आधा ना कर!
ये देगी उतना ही, जितना लिख दिया खुदा ने!
इस तकदीर से उम्मीद ज़्यादा ना कर!
टी टी: - ये विकलांग लोगों का डिब्बा है इसमें क्यों सफर कर रहे हो...???पप्पू: जी सर मेरे साथ ये है...!!टी टी: - ये तो आम है।पप्पू: - हाँ लेकिन ये लँगड़ा आम है...
जज: तुमने इसके पैसे क्यूँ चुराए?
चोर: मैने पैसे नहीं चुराए
इसने खुद ही दिए थे
जज: इसने पैसे कब दिए?
चोर: जब मैने इसे बंदूक दिखाई!