किसी ने ग़ालिब से कहा
सुना है जो शराब पीते हैं उनकी दुआ कुबूल नहीं होती ….
ग़ालिब बोले: “जिन्हें शराब मिल जाए उन्हें किसी दुआ की ज़रूरत नहीं होती”
एक हम हैं, जो
समझे नहीं खुद को अब तक।
और एक दुनिया है, जो
पता नहीं हमें क्या-क्या समझती है।
सपनो से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के की कोई मनाने नहीं आएगा,
हमें रूठ जाने की आदत नहीं रही |
Main uske haathon ka khilona hi sahi;
kuch der ke liye hi sahi, usne mujhe chaha to hai..
माँ: सोफा लेटने के लिये नहीं बैठने के लिये होता है बेटाबेटा: हा तो चप्पल भी मारने के लिये नही पहनने के लिये होती है…..पड़ी एक और…