जिस प्रभात से, परमात्मा का स्मरण हो जाये,
वह प्रभात, सुप्रभात हो जाता है।
सुबह-सुबह उन्हें सताना अच्छा लगता है,
सुबह-सुबह उन्हें नींद से उठाना अच्छा लगता है,
मोबाइल उठाकर हमारे मैसिज पड़ लेना,
सुबह-सुबह गुड मॉर्निंग भेजना हमे अच्छा लगता है।
मार्टिन लूथर ने कहा था…“अगर तुम उड़ नहीं सकते तो, दौड़ो !अगर तुम दौड़ नहीं सकते तो, चलो !अगर तुम चल नहीं सकते तो, रेंगो !पर आगे बढ़ते रहो !”एक बिहारी (खैनी ठोकते हुए):ऊ.. सब त ठीक बा.. लूथर भाई…लेकिन.. मरदे.. ई बताबा कि ..जाए के कहाँ बा…
तुम्हारी दुनिया से चले जाने के बाद
हम तुम्हें हर एक तारे में नजर आया करेंगे
तुम हर पल कोई दुआ माँग लेना
और हम हर बार टूट जाया करेंगे
मुझमें कोई छल नहीं, तेरा कोई कल नहीं
मौत के ही गर्भ में, ज़िंदगी के पास हूँ
अंधकार का आकार हूँ, प्रकाश का मैं प्रकार हूँ
मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ। मैं शिव हूँ।