उम्मीद ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,
मंजिल ऐसी ही जो जीना सिखलाये,
जीना ऐसा हो जो रिश्तों की कदर करे,
रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को मजबूर करें।
दिल की धडकने रुक सी गई हैं,
साँसे मेरी धम सी गई हैं.
पुछा हमने दिल के डाक्टर से.
तो पता चला सर्दी के कारण आपकी यादें.
दिल में जम सी गई हैं
अब तो शाम-ओ-सहर मुझे रहता हैं बस खयाल तेराकुछ इस कदर दुआओ सा मिला हैं मुझे साथ तेरा,की अब कोई शिकवा और शिकायत नही उस खुदा सेबस एक तुम्हे पाकर खुशियो से भर गया ये दामन मेरा
आप को देख कर यह निगाह रुक जाएगी
खामोशी अब हर बात कह जाएगी
पढ़ लो इन आँखों में अपनी मोहब्बत
कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी
आज एक स्वेटर और पहन लो,
आज एक रज़ाई और ओढ़ लो,
आज एक मफ़लर और लपेट लो,
आज दो मोज़े और पहन लो,
आज एक कहवा और पी लो,
आज एक हीटर और चला लो,
क्या पता…
कल ठण्ड हो न हो…!!!
Happy Winter